गेहूं खाने के मुख्य फायदे हो सकते हैं। गेहूं में विटामिन्स मिनरल्स और फाइबर भरपूर है।
गेहूं एक प्रमुख फसल है जो भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण अनाजों में से एक है जो गेहूं रोटी बनाने में उपयोग में आता है और गेहूं का कई आयुर्वेदिक उपयोग भी है। विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण है, गेहूं का नियमित सेवन करने से हृदय रोगों उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी बीमारियों के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है, गेहूं में मौजूद एंटी ऑक्सीडेस हमारे शरीर को कैंसर और अन्य बीमारियों से बचते हैं, सार्वजनिक रूप से गेहूं का सेवन हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित करने में मदद करता है।
गेहूं के फायदे
- खांसी: गेहूं के मुख्य फायदे के रूप में जाने जाते हैं 20 ग्राम गेहूं के दोनों को नमक मिलाकर 250 ग्राम जल में गरम करके पीना चाहिए। ऐसा करने से लगभग एक सप्ताह करने से खांसी दूर होती है।
- उदर शूल: गेहूं को दलिया में चीनी वह बादाम गिरी मिलाकर सेवन करने से मस्तिष्क, का दिमाग की कमजोरी, नपुंसकता तथा छाती में होने वाली पीड़ा शांत हो जाती है।
- खुजली: जब गेहूं के आटे को गुथ कर तो त्वचा की जलन खुजली बिना पैक फोड़े फुंसी तथा अंग में झुलस जाने पर लगा देने से ठंडक मिलती है।
- अस्थि भंग: थोड़े से गेहूं को तवे पर भूनकर पीस ले और शहर में मिलकर कुछ दिनों तक चाटने से अस्थिभंग दूर हो जाता है।
- किट दंश: यदि किसी भी जहरीला कीड़ा काट ले तो गेहूं के कांटे में सिरका मिलकर दंश वाले स्थान पर लगाना चाहिए।
- बालतोड़: शरीर का किसी भी अंग पर से बाल टूट जाने से फोड़ा हो जाता है, जो की अत्यंत दहक और कष्ट कर होता है, इसमें मुख में गेहूं के दाने चबा चबाकर बांधने से दो-तीन दिन में ही लाभ हो जाता है।
- पथरी: गेहूं और चने को उबालकर उसके पानी को कुछ दिनों तक रोगी व्यक्ति को पिलाते रहने से मूत्राशय और गुर्दा की पथरी गल कर निकल जाती है।
गेहूं में है सबसे अधिक फाइबर
सभी तरह के फाइबर जरूरी है, चाहे उन्हें किसी भी स्रोत से प्राप्त किया जा रहा है, शरीर के लिए इन सभी के अपने-अपने फायदे हैं। गेहूं का चोकर फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत है। जो बादाम अखरोट चावल जैसे अन्य अनाजों की अपेक्षा गेहूं के चोकर में अधिक फाइबर होता है। सबूत गेहूं और चोकर के फायदे को समझने के लिए भोजन में मौजूद रेशे के विषय में जानना जरूरी है, वनस्पति का वह भाग जो खाने योग्य लेकिन आपच्य होता है। आहारी फाइबर कहलाता है। इसलिए अच्छी सेहत से विभिन्न प्रकार का खाद्य पदार्थ खाना भी आवश्यक है।
गेहूं का चोकर क्या है
सबूत गेहूं में पाया जाने वाला चोकर अपने स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न गुना के करण महत्वपूर्ण है। गेहूं के दाने का बाहरी आवरण गेहूं का चोकर है, जिसे सामान्य बोलचाल में गेहूं का छिलका कहा जाता है। गेहूं की पिसाई के समय इसका बाहरी आवरण है जाता है और अंदरुनी स्रेक्टसर पीसकर आता बन जाता है। जोकर के कारण गेहूं का आता भरा दिखाई देता है, गेहूं के चाकर में अघुलनशील फाइबर होता है, सैलुलोज कहते हैं इसमें कैल्शियम, सिलियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फार्सफोर्स जैसे खनिजों के साथ-साथ विटामिन "ई" और "बी" कॉम्प्लेक्स पाए जाते हैं। इसलिए जहां मैदा रिफाइंड आता देखने में सुंदर लगता है और कुछ पकवानों को चिकन बनता है। वही छिलका सहित सबूत गेहूं का आता सेहत के लिए फायदेमंद होता है। आवश्यक फाइबर विटामिन और खनिजों से भरपूर छिलका सहित गेहूं और इसका चॉकर स्टार्च स्टार्क के पाचन के लिए कुदरत पौस्टिक उपहार है। इसलिए विशेषज्ञ इसके सेवन पर जोड़ देते हैं।
पाचन तंत्र मजबूत बनाएं
जब हमारी पाचन शक्ति और सामान्य तंदुरुस्ती मैं फाइबर की महत्वपूर्ण भूमिका होता है, आहार में फाइबर की कमी होने से पाचन तंत्र उपयुक्त ढंग से काम नहीं करता है। हेल की हमारा पाचन तंत्र अस्वास्थ्य कर आहार और भावनात्मक आवेग से उत्पन्न तनाव का कुछ समय तक तो सामना कर सकता है, लेकिन बाद में समस्या बड़ी हो सकती है। इसलिए अपने पाचन तंत्र की शक्ति बनाएं रखने के लिए सही कदम उठाना जरूरी होता है।
कब्ज में दिल आ रहात
इस बारे में वैज्ञानिक प्रमाण है की कब्ज दूर करने और सहज शौच के लिए गेहूं का चोकर सर्वश्रेष्ठ फाइबर है, यह पाचन तंत्र में पदार्थ की गति बनाए रखना है। अनेक लोगों को समय-समय पर पेट फूलना और सस्ती जैसी पाचन संबंधी गड़बड़ी की शिकायत रहती है। जब हम अनियमित आहार अपनाते हैं और हमारी पाचन क्रिया की गति धीमी हो जाती है तब हालात और भी बिगाड़ सकते हैं। लेकिन फाइबर और खासकर गेहूं के चोकर का पर्याप्त सेवन करने से पाचन संबंधी परेशानी और कब्जियत से मुक्ति में मदद मिलती है।
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FAQ:
गेहूं की तासीर क्या है ?
गेहूं के तासीर ठंडी होती है। इस करण से इसे गर्मी में इसका सेवन किया जा सकता है।
सबसे अच्छा आटा किसका होता है ?
अधिकतर में देखा जाए तो गेहूं के आटा ही अच्छा माना जाता है।
गेहूं को कैसे खाना चाहिए ?
खड़ी गेहूं को भिगोकर खाने से आपके शरीर को भरपुर रूप से पोषक तत्व मिलता है।
गेहूं में कौन सा प्रोटीन पाया जाता है ?
गेहूं में अधिक ग्लूटैन नामक प्रोटीन पाया जाता है।
गेहूं कि रोटी में क्या होता है ?
गेहूं के रोटी में अधिक तोर पर आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, और सेलेनियम पाया जाता है।
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