पथरी से बचने के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार में खुद को सुरक्षित रोकथाम और उपाय के बारे में जाने।
भोजन में की गई अनियमिता वह वह अव्यवस्थिति सैलरी जीने की सजा शरीर को पथरी रोग के रूप में मिलती है। तेज मिर्च मसाले तले हुए पदार्थ खमीर युक्त भोजन से यकृत व बलिया प्लीहा रोग ग्रस्त हो सकते हैं। इससे पित्ताश्न मैं पथरी निर्माण करने वाला वसा (Cholesterol) अर्थात चर्बी इकट्ठा होती है। यह एकत्रित चर्बी शरीर की दूषित अवस्था के कारण घुल नहीं पाती है एवं द्रव्यों के सहयोग से पथरी का रूप धारण करने लगती है।
विजातीय पदार्थ की जमा होने से पथरी का आकार क्रमश: बढ़ता रहता है। आंतों से होकर मॉल मार्ग द्वारा निकल जाती है। किंतु जब यह आकार में बड़ी हो जाती है तो पित्ताशन से नहीं निकाल पाती है। इस वजह से रोगी को अत्यधिक कष्ट होता है।
पथरी से बचने के उपाय
सभी प्रकार की पथरी, विभिन्न ग्रंथियां के व्यवस्थित कार्य नहीं करने के कारण होती है। अतः अपने शरीर में वात, कफ, को कार्य क्षमता में वृद्धि करना चाहिए इससे पथरी नहीं होती है। यदि फिर भी पथरी हो जाए तो सरल प्राकृतिक जीवन शैली योग शोध क्रियो को अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है।
पथरी में तेज मिर्च मसाले, मांसाहार, शराब, मैदे से बने खाद्य खमीर युक्त खाघ, पहले हुए पदार्थ वह गरिष्ठ आहार का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। भजन सदा हुआ आसानी से बचाने वाला वह कब्ज से बचाने वाला होना चाहिए। पालक, टमाटर, बैगन, चावल, उदय, सूखे मेवे, चॉकलेट, चाय कॉफी का सेवन कदापि न करें।
- 200 मि.ली पानी में 20 ग्राम कुलथी रात्रि में गलाए। इसे सुबह खाली पेट पी ले। फिर उसमें 200 मि.ली पानी मिलाए इसे संध्या को पी ले। अब इस कुलथी को फेंक दे। यह प्रयोग तीन माह तक नियमित रूप से करने से पथरी गल कर निकल जाती है।
- 50 ग्राम अजवाइन को 250 मि.ली पानी में उबले। 100 मि.ली पानी रहने पर उसे सुबह खाली पेट पी ले।
- 50 ग्राम भूट्टी के बाल (मक्का) को 250 मि.ली पानी में उबाले। 200 मि.ली रहने तक खाली पेट सुबह लेवे।
- 250 ग्राम कुलथी को 3 लीटर पानी में उबले। 1 लीटर पानी रहने पर उसे घी में बघार कर काम मिर्च – मसाला डालकर भोजन के साथ लेवे।
- चोलाई की सब्जी नियमित रूप से खाने से पथरी गल जाती है।
- 12 ग्राम तरबूज के बिना छिलके वाले बीजों को रात्रि को पानी में गला दें। सुबह उसे जितना बारीक पीस सके पीस ले। उसने समान मात्रा में मिश्री मिला ले। इसे 450 मि.ली पानी में मिलाकर फेट लें। इस सेवन को सुबह खाली पेट करें। यदि एक बार में इसे ना ले पाए तो दो बार में इसे ले सकते हैं।
पथरी का घरेलू उपाय
- लंबे समय तक पाचन शक्ति ठीक ना रहने और मूत्र विकार भी बना रहे तो गुर्दों में कुछ तत्व इकट्ठे होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं। पथरी बंजारे पर गुर्दों में असहनीय दर्द होता है, जो कमर तक जाता है। यदि पथरी चने के आकार की होगी तो इस उपचार से मूत्र के साथ गल कर निकल जाएगी।
- गाजर व मूली के बीज 10 – 10 ग्राम, गोखरू 20 ग्राम, जवाखार और हजरूल यहुद 5 – 5 ग्राम, इन सबको कूट पीसकर महीन चूर्ण कर ले। असली 3 – 3 ग्राम की पुड़िया बना लें। पहली खुराक 6:00 बजे, दूसरी खुराक 8:00 बजे और तीसरी शाम 4:00 बजे दूध पानी की लस्सी के साथ ले।
- कुलथी कड़ा बनाकर दिन में दो बार सुबह 9:00 बजे और रात को सोने से पहले पिए। काढ़ा बनाने के लिए 20 ग्राम कुलथी को 2 कप पानी में डालकर उबालें। यह दोनों प्रयोग लाभ होने तक लेते रहे।
- पालक के पत्ते का रस और नारियल पानी समान भाग में मिलाकर लेते रहने से गुर्दे और मूत्र पथ की पथरी निकल जाती है।
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FAQ:
पथरी किसकी कमी से होती है ?
पथरी मुख्य रूप से पानी की कमी, नमक का सेवन, रसायन पदार्थ का सेवन, परिवार में पथरी का होना।
पथरी से बचने के लिए क्या खाएं ?
पथरी से बचने और इसकी रिक्स को कम करने के लिए पानी का पर्याप्त सेवन, सही आहार, नमक की सीमा, शराब और कैफीन की मात्रा, व्यायाम, और संतुलित वाडिया आदि।
क्या पथरी जानलेवा होती है ?
हां अगर आपकी किडनी में स्टोर बनने लगे तो यह जानलेवा हो सकता है।
पेशाब की नली में पथरी कैसे निकले ?
पेशाब की नली से पथरी को फैंसी चोटी-मोती पथरी निकल जाएगी।
पथरी का दर्द कब होता है ?
पथरी का दर्द जब पथरी पेशाब की नली से चली आती है जिससे पेशाब बाहर निकलने में दिक्कत या परेशानी होता है इस कारण से किडनी पर दबाव पड़ने लगता है।
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