पथरी का घरेलू उपचार

आज के युग में पथरी के बीमारी आम बात हो गया है, जो कई कारणों से है, हम जानेंगे की पथरी का घरेलू उपचार के बारे में जो निम्न प्रकार से हो सकते है।

अगर किसी कारण से पेशाब गाढ़ा हो जाता है तब शरीर में पथरी होना शुरू हो जाती है। पहले छोटी-छोटी दानी बनते हैं बाद में दाने बढ़ जाते हैं जिसे पथरी कहते हैं, पथरी का दर्द कभी-कभी बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। पथरी होने पर पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रुक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो सकती है। लिए हम आपको पथरी के घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं। कई बार यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है –

पथरी का घरेलू उपचार

पथरी का घरेलू उपचार

  • नारियल के पानी पीने से पथरी में राहत मिलती है, पथरी होने पर नारियल का पानी पीना चाहिए।
  • 15 दानी बड़ी इलायची के एक चम्मच खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक का पानी में मिलाकर सुबह शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
  • पका हुआ जामुन भी पथरी से राहत दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर हमें पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
  • आंवला भी पथरी में बहुत फायदा करता है। आंवला का चूर्ण मिली के साथ खाने से मूत्राशन की पथरी निकल जाती है।
  • जीरे और चीनी का समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
  • सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूट कर बाहर निकल जाती है। आम के पत्ते छांवमें सुखाकर बहुत बारीक पीस ले और 8 ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए फायदा होगा।
  • मिश्रि, सौंफ, सूखा धनिया लेकिन 50 - 50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ़ लीटर पानी में रात को भिगोकर रखा दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलकर एक घोल बना लीजिए, इस घोल को पीजिए। पथरी निकल जाएगी।
  • चाय, काफी व अन्य पेय पदार्थ जिसमें कैफीन पाया जाता है, उन पेय पदार्थ का सेवन विलकुल मत कीजिए। हो सके कॉलदरिंग ज्यादा मात्रा में पीजिए।
  • तुलसी के बीज का हिमजिरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फांसी पथरी निकल जाती है।
  • जीरे को मिश्रि की चासनी अथवा शहद के साथ लेने से पथरी घुलकर पेशाब के द्वारा निकल जाती है।
  • बेल पत्थर को पर जरा सा पानी मिलकर घिस लें, इसमें एक साबुन काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।
  • आठवें दिन से काली मिर्च की संख्य घटनी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जाती है। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चल सकता है।
  • पथरी होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे में पानी कम छनता है। पानी कम छनने से शरीर में मौजूत कैल्शियम, यूरिक एसिड और दूसरे पथरी बनाने वाले तत्व गुर्दे में फंस जाते हैं वह बाद में धीरे-धीरे से पथरी का रूप ले लेते हैं।

पित्त के पथरी निकालने का अचूक उपाय

दुनिया में लाखों ऐसे मरीज है जो गुर्दे की पथरी से परेशान है। गॉलब्लाडर मैं पथरी बना एक भयंकर पीड़ा दायक रोग है। इसे पित्त पथरी कहते हैं। पित्ताशय मैं दो तरह की पथरी बनती है। प्रथम कोलेस्ट्रॉल निर्मित पथरी। दूसरी पिग्मेंट से बनने वाली पथरी। जिसमें से लगभग 80% पथरी कोलेस्ट्रॉल तत्व से ही बनती है।

यह रोग किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं में इस रोग के होने की संभावना पुरुषों की तुलना में कम होती है। पित्त की पथरी को घरेलू उपचार के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इस लेख को पढ़े और अधिक जानकारी प्राप्त करें –

पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गाल ब्लैडर में होता है। यह पित्त वसायुक्त भोजन को पहचानने में मदद करता है। जब इस पित्त मैं कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो पथरी निर्माण के लिए आदर्श स्थिति बन जाती है। यह बीमारी आमतौर पर तीन से 8 वर्ष की उम्र के लोगों में पाई जाती है और स्त्रियों की अपेक्षा पुरूष में चार गुना अधिक पाई जाती है।

बच्चों और वृद्धो में मूत्राशय की पथरी ज्यादा बनती है, जबकि वयस्कों में अधिकतर गुर्दों और मूत्रवाहक नली में पथरी बनती है। पथरी के जिन मरीजों को डायबिटीज की बीमारी होती है उनको गुर्दे की बीमारी होने की काफी संभावनाएं रहती है। अगर किसी मरीज को रक्तचाप की बीमारी है, तो उसे नियमित दवा से रक्तचाप को नियंत्रित करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर रक्तचाप बढ़ता है, तो यह बीमारी से भी गुर्दे खराब हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी, मोटापा, मधुमेह, अधिक बैठे रहने वाले लोगों, तेल घी अधिकता वालें भोजन और शरीर में खून की कमी से पित्त पथरी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इस समस्या को कुछ घरेलू उपचारों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है –

  • गाजर और ककड़ी का रस को 100 मि.ली लीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पित्त की पथरी में लाभ होता है।
  • सुबह खाली पेट 50 मि.ली लिटर नींबू का रस पीने से एक सप्ताह में लाभ होता है।
  • शराब, सीक्रेट, चाय, कॉफी तथा शक्कर युक्त पेय हानिकारक है। इसे जितना हो सके बचने की कोशिश करें।
  • नाशपाती पित्त की पथरी में फायदेमंद होती है, इसे खूब खाएं, इसमें पाए जाने वाले रासायनिक तत्वों से पित्ताशय के रोग दूर होते हैं।
  • विटामिन सी अर्थ एस्कोबिक एसिड के प्रयोग से शरीर का प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। यह कोलेस्ट्रॉल को पित्त में बदल देता है। इसकी तीन से चार गोली रोज लेने से पथरी में लाभ होता है।
  • पित्त पथरी के रोग भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में हरी सब्जी और फल लें। इनमें कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है और यह प्रोटीन की जरूरत भी पूरी करते हैं।
  • तली वह मसालेदार चीजों से दूर रहे वह संतुलित भोजन ही करें।
  • खट्टे फलों का सेवन करें। इनमें मौजूद विटामिन "सी" गाल किन पथरी दूर करने के लिए काफी मददगार साबित होता है।
  • जब रोजाना एक चम्मच हल्दी के सेवन करने से पथरी दूर होता है।


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FAQ:

पथरी में चाय पीनी चाहिए क्या ?

पथरी रोगियों के लिए चाय का सेवन जरूरी नहीं होता है और इसके सेवन से आपके स्थिति में सुधार होने की उम्मीद नहीं है।

क्या पथरी में नींबू पानी पीना चाहिए ?

पथरी के रोग में नींबू पानी किसी भी स्थिति में फायदेमंद हो सकते हैं लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति के रोग की प्रकृति आकार और प्रकोप के आधार पर विभिन्न हो सकते हैं।

पथरी होने पर दही खा सकते हैं क्या ?

पथरी के रोग में दही खाना आमतौर पर सुरक्षित होता है लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति के रोग की प्रकृति और उनके पथरी के प्रकार पर निर्भर करता है।

पथरी होने पर क्या पीना चाहिए ?

आमतौर पर पथरी के रोगी को पीने के लिए पानी नींबू पानी, उबला हुआ पानी, आदि।

पथरी में कौन सा पत्ता काम आता है ?

पथरी के इलाज के लिए कई प्रकार के पत्ते और घरेलू उपाय का उपयोग किया जाता है जिसमें पुदीना का पत्ता, तुलसी के पत्ते, अनार के पत्ते आदि।

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