आप को इस लेख मे शुगर होने के लक्षण हिंदी में जानकार पढ़ने को मिलेगा और जानिए शुगर का देसी इलाज इन हिन्दी में
हम जो भी कहते हैं उसे हमारा पाचन तंत्र ग्लूकोज बनाकर रक्त में भेज देता है। इसे हमारे शरीर को कोशिकाओं में पहुंचने के लिए इंसुलिन नामक हार्मोन की जरूरत होती है। जब हमारा शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है तो ग्लूकोस रक्त में बढ़ता जाता है, मगर कोशिकाओं के अंदर नहीं घुस पता है यह शुगर कहलाता है।
टाइप 1 – इसमें पैंक्रियाज की बेटा कोशिकाएं पूर्णत नष्ट हो जाती है, और इस तरह शरीर में इंसुलिन का बढ़ना संभव नहीं होता है, अनुवांशिक कारणों, आँटो इम्यूनिटी एवं किसी प्रकार के वायरल संक्रमण के कारण बचपन में ही बीता कोशिकाएं पूर्णत नष्ट हो जाती है। यह बीमारी मुख्ता 12 से 25 वर्ष से कम अवस्था में मिलती है, भारत में यह बहुत ही कम मात्रा 1% से 2% गैसों में ही टाइप – 1 के मरीज पाए जाते हैं। यूरोप विशेषकर स्वीडन एवं फिनलैंड आदि मैं लोगों में टाइप 1 शुगर काफी पाया जाता है। ऐसी मरीज इंसुलिन की सुई अनिवार्य रूप से दी जाती है।
टाइप 2 – भारत में ज्यादातर 90% तक शुगर के रोगियों में टाइप – 2 का शुगर पाया जाता है। ऐसे मरीजों में बिता कोशिकाएं कुछ-कुछ इन्सुलिन बनती है।
शुगर होने के लक्षण हिंदी
शुगर के कारण:
आज भारत में बहुत बड़ी आजादी मधुमेह (Madhumeh) या शुगर (Sugar) के चुंगुल में फस्ती जा रही है। 40 – 45 के उम्र के बाद तो 20% से ज्यादा लोग इसकी गिरफ्त में है आप तो नौजवान और बच्चे भी शुगर की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। शुगर एक ऐसा अवस्था है जिसमें शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है या शरीर में इंसुलिन तो होता है मगर वह सही तरीके से शुगर नहीं बन पाता। इसे रक्त में इंसुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।
शुगर निम्नलिखित कर्म से ज्यादा होता है –
- अगर आपके परिवार में किसी को पूर्व में शुगर है तो आपको या बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- मोटापा शुगर का बहुत बड़ा कारण है, मोटे लोग शुगर के जल्दी शिकार हो जाते हैं।
- शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा होना या रक्त चाप के असामान्य होने से भी शुगर का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
- अधिक शारीरिक श्रम, थकान, मानसिक थकान, तनाव आदि के कारण भी लोग शुगर के शिकार हो जाते हैं।
- अधिक मीठा खाने से भी शुगर हो सकती है।
- जो लोग नियमित रूप से बाहर का खाना खाते हैं उन्हें शुगर होने की आशंका तीन गुना ज्यादा तक होती है।
- स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम कर लीटर पानी अवश्य ही पीना चाहिए, कम पानी पीने से भी शुगर होने की अधिक संभावना होती है।
- असमय खाने से जंक फ्रूट खाने, बासी खाने या फ्रिज में ज्यादा दिन तक रख खाने से भी लोग शुगर के जल्दी शिकार हो जाते हैं।
- अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से सौर करना या व्यायाम करना आवश्यक है, एक्सरसाइज न करने से भी शुगर होने का खतरा बढ़ जाता है
- रात में देर से खाना खाने और खाने के बाद तुरंत सो जाने से भी शुगर / डायबिटीज हो सकती है।
शुगर कम करने का उपाय:
शुगर बहुत सी बीमारियों का जनक है, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर को खोखला कर देता है। शुगर के कारण का केवल शरीर में बहुत सी बीमारियां घर कर जाती है। वर्णन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता एवं कार्य क्षमता भी काम हो जाती है, लेकिन कुछ उपाय को नियम से करके शुगर को नियंत्रण ही किया जा सकता है वर्णन शुगर से छुटकारा भी पाया जा सकता है। यहां पर हम शुगर के घरेलू किंतु अचूक उपाय बता रहे हैं जो अवश्य ही लाभकारी सिद्ध होंगे –
- गेहूं के पौधों में रोग नाशक गुण होते हैं, गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से भी शुगर नियंत्रण में रहती है।
- मधुमेह / शुगर के मरीज को भूख से थोड़ा काम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसी में सिर नींबू निचोड़कर खाकर भूख मिटना चाहिए।
- शुगर के उपचार में शलजम का भी बहुत महत्व है शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थिर शकरा की मात्रा कम होने लगती है, इसके अतिरिक्त शुगर के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पा, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।
- पेट, पानी के साथ लें और सेवन के बाद कम से कम आधा घंटा और कुछ ना खाएं इसके नियमित सेवन से भी शुगर सामान्य हो जाते हैं।
- वैज्ञानिकों की कई शोध में अदरक शुगर की बीमारी में बेहद कारगर साबित हुई है। ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक शोध के अनुसार अदरक का रस खून में शकरा के स्तर को पूरी तरह से नियंत्रित करता है। पुराने से पुराने शुगर में भी जिसमें शरीर के अंग भी प्रभावित हो चुके हो नित्य खाली पेट अदरक का रस बेहतर फायदेमंद है।
- 6. शुगर के उपचार से सोया आटे की रोटी खानी चाहिए। सोयाबीन में स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट बहुत कम मात्रा में होता है और यह चीज शुगर में हानिकारक होता है। आता सोयाबीन को पीसकर आते में मिलाकर खाने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
- मधुमेह / शुगर के शिकार व्यक्ति को अपने आहार में एलोवेरा जूस को अवश्य ही शामिल करना चाहिए। एलोवेरा में मौजूद विटामिन प्रकार के विटामिन, मिनरल्स, खनिज शरीर के सेल स्तर को काम करते हैं जिससे शरीर में शर्करा की मात्रा नियंत्रित होती है वह व्यक्ति चुस्त और दुरुस्त भी रहता है।
- शुगर से ग्रस्त व्यक्ति के लिए अलसी का सेवन उपयुक्त है। अलसी को मिक्सी में पीसकर आटा में मिलकर इसकी रोटी खाएं। इससे शरीर में लंबे समय तक ताकत रहती है।
- मधुमेह / शुगर मैं नित्य अमरूद को सेवन करें। इसी महीने महीन कट कट कर उसे पर सेंधा / काला नमक और काली मिर्च चिड़कर खाना चाहिए इससे शुगर में बहुत ज्यादा आराम मिलता है।
शुगर कोनी नियंत्रण करने के लिए दक्षिण की तरफ सर करके सोए, अपनी बेडरूम में काम से कम 100 ग्राम का साबुत फिटकरी का टुकड़ा अवश्य ही रखें। इससे शुगर को नियंत्रित करने की सहायता मिलती है।
शुगर के लक्षण:
शुगर होने के लक्षण हिंदी में शुगर को तमाम बीमारियों का जनक माना जाता है। शुगर होने के बाद शरीर को बहुत सी बीमारियां आसानी से घेर लेती है। 35 वर्ष के बाद तो नियमित रूप से शुगर की जांच अवश्य ही करनी चाहिए। वैसे बहुत सी ऐसी शुरुआती लक्षण है जिसे शुगर होने का संकेत मिलने लगता है। इसलिए शरीर पर इन लक्षणों की नजर आते ही सावधान हो जाना चाहिए, अपने खान-पान का ध्यान रखें, और कुशल चिकित्सक से शीघ्र ही परामर्श करें
- बार-बार पेशाब आना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- बहुत से पानी पीने के बाद भी गला सूख जाता है
- खाना खाने के बाद भी बहुत भूख लगा
- मैथिली होना और कभी-कभी उल्टी होना
- हाथ पैर में अकड़न और शरीर में झनझनाहट होना
- त्वचा में रूखापन आना
- चिड़चिड़ापन तथा सिरदर्द
- शरीर का तापमान कम होना
- मांसपेशियों में दर्द
- वजन में कमी आना
यदि हम थोड़ी सी सावधानी बरते, अपने जीवनशैली, खान पान की आदतों में सुधार करें तो इस पर अवश्य ही विजय प्राप्त कर सकते हैं।
शुगर का उपचार:
- शक्कर ना खाएं: आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शक्कर जो आज हमारी रोज की जरूरत बन गई है वह हमारे लिए कितना हानिकारक हो सकता है। वैसे तो शक्कर हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है और इसके कई फायदे हैं, जैसे शक्कर कम ब्लड प्रेशर वालों के लिए वरदान है, डिप्रेशन दूर करने की बात हो या भूख मिटाने की बात हो शक्कर बहुत जरूरी है। लेकिन हम जानते हैं कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हमेशा हानिकारक होता है वही शक्कर के साथ है, शक्कर शुगर (मधुमेह) बढ़ाने में बहुत योगदान देता है। जिन लोगों में शुगर ज्यादा है उन्हें शक्कर बिलकुल छोड़ देनी चाहिए। हमारी रोजमर्रा के कार्यों में भले वह ऑफिस में कंप्यूटर पर बैठकर काम करना या ऑफिस में कोई भी काम हो या कोई भी काम हो सकता है चाय हमारे जीवन में एक बहुत बड़ी जगह लेती जा रही है जो हमारे लिए बहुत ही हानिकारक है। थकान है तो चाय डिप्रेशन है तो चाय, कोई मीटिंग है तो चाय, जो बहुत ज्यादा शक्कर हमारे शरीर में आती है, मगर हम चाहते हैं कि शुगर कम हर करें या कभी शुगर हो ही ना तो चाय जरूर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर लगाम लगाकर आप शुगर को कम कर सकते हैं, कोल्ड ड्रिंक में शक्कर की बहुत मात्रा होती है, मिठाइयां जिस में अधिक शक्कर है बड़ी करें आदि आप सोच रहे होंगे कि शक्कर बिल्कुल बंद कर देने से हम कैसे रहेंगे या वह हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन चुकी है हम कैसे छोड़ सकते हैं। इसका भी एक उपाय है आप बाजार में शुगर फ्री गली उपलब्ध है जिसका उपयोग करके आप आसानी से शुगर सामान्य कर सकते हैं।
- आलू कम खाएं: अगर आप शुगर के मरीज हैं और चाहते हैं कि शुगर कम या बिल्कुल खत्म हो जाए तो आलू अपने खाने से हटा दीजिए। आलू हमारे शरीर में शुगर बहुत तेजी से बढ़ता है। आलू में कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर के लिए जरूरी है। अगर आप नॉर्मल है उसके बाद भी हमें आलू कम खाना चाहिए। आलू में विटामिन सी, बी कम अप की परिसर तथा आयरन कैल्शियम, मैगनीज, फास्फोरस तत्व होते हैं तथा आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है कोई भी सब्जी हो आलू मिलाओ और सब्जी तैयार यही वह कारण है आलू हमारे जीवन में बहुत उपयोग होता है, लेकिन अगर आपको शुगर है तो आलू छोड़ दीजिए।
- चावल खाना बंद करें: चावल शुगर में बहुत हानिकारक है, अगर आप शुगर सामान्य करना चाहते हैं तो चावल (राइज) बिल्कुल बंद कर दे, और देखिए कि इसका फर्क कितनी जल्दी आपके शुगर लेवल पर पड़ता है। चावल वैसे दक्षिण भारत में बहुत ज्यादा खाया जाता है और वहां का प्रमुख आहार माना गया है, चावल को वैसे भारत भी कहते हैं। स्वादिष्ट होने के बावजूद यह शुगर मरीज के लिए बहुत ही हानिकारक है और शुगर बढ़ता है। चावल या चावल की बनी कोई भी चीज आपको नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए चावल बंद कर दीजिए, और आप इसका असर खुद ही देखेंगे।
- चिकनाई (आयल) कम खाए: चिकने मतलब आयल जो न सिर्फ शुगर मरीज के लिए हानिकारक है बल्कि हर आम आदमी के लिए जरूर से ज्यादा आयल शारीरिक संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसलिए शुगर मरीज को स्पेशली चिकनाई बहुत कम खाना चाहिए। आजकल बाहर बाजार में मिलने वाली ज्यादार डीजे भले वह कजोरी, समोसा, पकोड़ा, पूरी हो सभी में आयल की मात्रा होती है इसलिए बाहर मिलने वाली इन चीजों पर लगाम लगा कर हम अपने शरीर में स्थिति शुगर के केवल को कम कर सकते हैं। कुछ लोगों की आदत होती है खाने में बहुत ज्यादा घी खाना इसलिए हो सके तो घी को अपने खाने से थोड़ा काम कर दीजिए। घी वैसे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन अगर हम इसे जरूर से ज्यादा खाएंगे तो यह हमें हानि पहुंचा सकता है इसलिए अगर आप शुगर मरीज है तो मेरे ख्याल से तो घी को बंद ही कर दीजिए। जो आपकी शुगर लेवल को कम करने में बहुत योगदान देगा।
- सुबह टहलने चालू करें: वैसे तो हर बीमारी को खत्म करने के लिए कुछ स्पेशल व्यायाम होते हैं पर यह व्यक्ति व्यस्त दिनचर्या के कारण आराम से बैठकर व्यायाम भी नहीं कर पाते हैं इस टॉपिक में इस हम आपको बता रहे हैं कि शुगर को सामान्य करने में सुबह टहलने कितना लाभकारी होता है। सुबह टहलने की कई सारे फायदे हैं जिनमें जैसे अगर आप सुबह टहलते हैं तो आपकी हड्डी मजबूत होगी अगर आप सुबह टहलते हैं तो यह आपका वजन को कम करने में भी बहुत योगदान देता है। तनाव कम होगा शुगर बहुत आश्चर्यजनक तरीके से सामान्य होता है सुबह टहलने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं साथ ही यह शुगर सामान्य भी बहुत तेजी से होता है। अब सवाल है कि सुबह की समय टहलना जाना चाहिए – आप अपनी दिनचर्या के हिसाब से सूर्य उदय से पहले वॉकिंग पर जा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि आपको सिर्फ उतना चलना है जितनी आपके शरीर में क्षमता है अगर क्षमता से ज्यादा चलने की कोशिश करेंगे तो इसके आपका शरीर जल्दी थक जाएगा। इसलिए जरूरी है कि अपनी क्षमता का सही इस्तेमाल किया जाए।
शुगर में लाभदायक:
करेला शुगर मरीज के लिए एक वरदान है, अगर आपको शुगर है तो करेले से आपको एक गहरा संबंध बनाना पड़ेगा क्यों की यही एक चीज है जिसमें वह क्षमता है जो शुगर को सामान्य कर सकती है। करेले का प्रयोग हम विभिन्न तरीके से कर सकते हैं जो हम इस टॉपिक में आपको बताने जा रहे हैं –
- करेले की सब्जी: आपके खाने में रोज एक सब्जी होनी चाहिए वह है करेले की सब्जी। करेले की सब्जी शुगर मरीज को बहुत लाभदायक है कुछ लोग करेले की सब्जी बनाते समय करेले को बिल्कुल भून लेते हैं पर ऐसा नहीं करना चाहिए, करेले को बिल्कुल भून लेने पर उसमें मौजूद कड़वा पन बिल्कुल समाप्त हो जाता है इसके बाद करेले की सब्जी खाने का कोई लाभ नहीं वह सिर्फ स्वाद के लिए खाई जा रही है। करेले में मौजूद कड़वा पन ही तो वह कारण है जो शुगर को सामान्य करता है। तो अब अगर आप शुगर सामान्य करने के लिए करेले की सब्जी बनाना चाहते हैं तो यह बात जरूर ध्यान में रखें
- करेले का जूस - रोज सुबह टहलने के बाद करेले का जूस आपकी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है स्पेशली शुगर मरीज के लिए। अपनी रोज की दिनचर्या में करेले का जूस तब तक पिए जब तक की शुगर कंट्रोल में न आ जाए। करेले के जूस से आप शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
- करेले का चूर्ण - करेले को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर खाली पेट लेने से आप शुगर कंट्रोल कर सकते हैं। करेले का चूर्ण भी शुगर को बहुत तेजी से काम करता है अचूक विधि – करेले को कूट करिया मिक्सी में पीसकर उसका जूस निकाल कर उसे एक बड़े बर्तन में रखे और मरीज के दोनों पर उसे में डालने को कहीं और मरीज द्वारा पैरों को लगभग 15 – 20 मिनट तक चलना चाहिए या जब तक मरीज के जीव में कड़वापन ना आ जाए। जब मरीज के जीभ में कड़वापन आ जाए तो पर हटा लेने चाहिए और यह कम 20 दिन से 1.5 महीने तक करना चाहिए इसके आश्चर्य जनक परिणाम मिलेगा।
- जामुन का प्रयोग: जामुन भले ही एक साधारण सा फल हो लेकिन इसमें वह पावर है जो शुगर को कई हद तक सामान्य कर सकती है। शुगर वाले व्यक्ति हो जामुन बहुत ही लाभदायक माना गया है। जामुन का भी हम कई तरीके से प्रयोग कर सकते हैं कई लोगों का मानना है कि जामुन का सिरका पीने से शुगर के मरीज को बहुत जल्दी लाभ मिलेगा और शुगर का लेवल भी सामान्य होगा। इसके बीज भी बहुत लाभदायक है जामुन के बी को धो ले और उसके बाद सुख ले, सुख लेने के बाद उसको पीस को पीसने के बाद जो चरण बनेगा उसे एक डब्बे में रख लीजिए। उसके बाद रोज सुबह खाली पेट सादा पानी के साथ लेने से इस चमत्कारिक परिणाम दिखेंगे। यह भी माना गया है कि जामुन खाने के पहले और बाद में 15 मिनट तक दूध नहीं पीना चाहिए। आप जामुन का एक और नुस्खा भी प्रयोग कर सकते हैं, जामुन के चार हरे नरम पत्ते बारीक पीस 70 मिलीलीटर पानी में रगड़कर छान ले उसके बाद सुबह 10 दिन तक लगातार पिए। (उससे ज्यादा नहीं) फिर 2 महीने बाद वापस प्रयोग में ले सकते हैं इससे आपकी शुगर सामान्य हो जाएगी।
- अंजीर के पत्ते: शुगर सामान्य करने में अंजीर के पत्ते का भी बहुत बड़ा योगदान है। इसकी सहायता से भी आप शुगर के लेवल को कुछ हद तक सामान्य कर सकते हैं। इस टाइप में हम आपको अंजीर के पत्तों को कैसे इस्तेमाल करें यह बताने जा रहे हैं – सबसे पहले अंजीर के साथ से 8 पत्ते ले उसके बाद इन पत्तों को हल्की आज पर उबलने रख दे 5 से 6 मिनट बाद सारे पेट निकल ले उसके बाद वह बचा हुआ गुनगुना पानी पी ले यह आप के शुगर सामान्य करने के बहुत हेल्प करेगी। अंजीर के पत्तों को आप ऐसे ही बचा कर खा सकते हैं यह भी बहुत फायदेमंद साबित होगा।
- लौकी का उपयोग: लौकी किसी भी रूप में हो शुगर के मरीज के लिए बहुत उपयोगी होती है। लौकी को आप अलग अलग तरीके से उपयोग में ले सकते हैं –
- लौकी का जूस - लौकी का जूस शुगर के मरीज को लेना चाहिए जिससे यह शुगर का लेवल सामान्य करता है, हां एक बात और याद रहे यह जूस अगर खाली पेट लिया जाए तो बहुत ही लाभदायक होगा।
- लौकी की सब्जी - लौकी की सब्जी शुगर के मरीज को जरूर खानी चाहिए। महत्वपूर्ण है सब्जी में ज्यादा तेल मसाला नहीं होना चाहिए हो सके तो लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च का प्रयोग करना चाहिए।
- लौकी का रायता - अगर आप खाने के साथ लौकी का रायता लेते हैं तो यह भी आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा यह शुगर का लेवल कंट्रोल करता है।
- लहसुन का उपयोग: लहसुन भी शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। लहसुन को सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ चबाकर खाना चाहिए। टमाटर, खीरा, करेला और सदाबहार के पांच फूल या फिर 5 से 6 नीम के पत्ते का जूस बनाकर लेने से भी शुगर कंट्रोल होता है। काले चने को रात में दूध में भिगो दे फिर सुबह उठते ही उन देंगे हुए जनों का सेवन करने से शुगर कम होता है। एलोवेरा के जूस में हल्दी मिलाकर पीने से बहुत फायदा होता है।
- बरगद का प्रयोग: बरगद के पेड़ की छाल भी शुगर मरीज के लिए उपयोगी मानी गई है। 20 से 25 ग्राम बरगद के पेड़ की छाल लेकर उसे कूट ले उसमें आधा लीटर पानी डालकर उसे उबाले और उसका कड़ा बना ले जब चौथाई पानी बच जाए तो उसे उतार कर जान ले फिर उसे ठंडा होने पर मरीज को पिला दें। इसे रोजाना 8 10 दिन तक सेवन करने से शुगर सामान्य होने लगता है। और इसका सेवन सुबह शाम करें तो अधिक फायदा होगा।
- आंवला का उपयोग: आप वाला को कई तरीके से उपयोग में ले सकते हैं यह शुगर कंट्रोल करता है। आंवला का जूस ले या फिर आवाले का चूर्ण खाली पेट सादे पानी से लेना चाहिए। आवाले का मुरब्बा या फिर आवाले का अचार भी खाने से शुगर के मरीज को बहुत ही आराम मिलता है।
- मैथी का प्रयोग: मैथी दाना को रात को एक का पानी में भिगो दे सुबह होते ही उसे पानी को पी जाए कथा उसे पानी में से सारी मैथी दाना निकल कर खाने से शुगर सामान्य होने लगती है। मैथी दाना को आप सब्जी, चूर्ण या फिर चटनी बनाकर भी ले सकते हैं। इसका प्रयोग रोज करने से शुगर बहुत जल्दी सामान्य हो जाता है।
- आम का पत्ते: आम के पत्ते को चबाकर खाने से या इसका चूर्ण लेने से शुगर कंट्रोल में बहुत हेल्प करती है। इस चूर्ण को खाली पेट लेना चाहिए और हो सके तो दिन में दो बार ले कर शुगर कंट्रोल की जा सकती है।
शुगर के आयुर्वेदिक इलाज:
- काला जामुन: यह ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है और हृदय संबंधी बीमारियों से शरीर को दूर रखता है।
- टमाटर: शुगर के रोगी के लिए टमाटर बहुत लाभदायक है। मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है प्रमेह में भी यह उपयोगी है।
- गाजर: गाजर का रस 310 ग्राम पालक का रस 185 ग्राम मिलाकर नमक, जीरा डालकर पीने से शुगर रोग में फायदा होता है।
- मधुमेह के रोगी नित्य जामुन खानी चाहिए। जामुन की गुठली का चूर्ण आधा चम्मच शाम को पानी के साथ लेने से शर्करा आना ठीक हो जाता है।
- दिन में दो बार मूली खाने से या मूली का रस पीने से मधुमेह में लाभ होता है।
- मैथी दाना 60 ग्राम बारीक पीसकर एक गिलास पानी में भिगो दे। इसे 12 घंटे बाद छानकर पिए। इस प्रकार सुबह शाम दो बार निश्चित रूप से 6 सप्ताह पीने से मधुमेह ठीक हो जाता है इसके साथ मेथी के हरे पत्तों के सब्जी भी खाएं।
- बाबुल के गोद का चूर्ण 3 ग्राम पानी के साथ अथवा गोदुग्ध के 7 दिन में तीन बार निश्चित रूप से लेना चाहिए मधुमेह के लिए यह एक लाभकारी सरल प्रयोग है।
- बाबुल की कोमल पत्तियां उखाड़ कर लाएं और उन्हें सिल पर जल योग से पीसे साथी 4.5 काली मिर्च भी डाल दे और छान कर पीवे। इससे भी शुगर में लाभ संभव है प्रात: सायं दोनों समय पावे।
- गूलर के पत्ते शुगर में लाभकारी है। उन्हें पानी के साथ सिल पर ठंडाई के समान घोट कर पीना चाहिए। यदि कब्ज या अपचयन की शिकायत ना हो तो इस योग से लाभ उठाया जा सकता है।
- गूलर का पाक फल वृक्ष से तोड़कर ताजा खाना भी हितकर है, ऊपर से ताजा पानी ही लेना चाहिए।
- शुगर के मरीजों को भूख से थोड़ा काम तथा हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है ऐसे में खीरा, नींबू निचोड़ कर खाकर भूख मिटना चाहिए।
- नीम देश में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले नीम के पत्ते स्वाद में कड़वे होते हैं पर इसमें बहुत सी खासियत है नेम इन्सुलिक रिसेप्टर सेंसटिविटी बढ़ाने के साथ-साथ शिराओं वी धमनियों में रक्त प्रवाह को ठीक करता है और हाइपो ग्लाइकेमिक ड्रिंक सफर निर्भर होने से बचाना है। नुस्खा बेहतर नतीजे के लिए नीम के पत्तों का रस रोज सुबह खाली पेट लें।
- शुगर उपचार में शलजम का भी बहुत महत्व है। शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। इसकी अतिरिक्त शुगर के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।
- 6 बेलपत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 सबूत काली मिर्च ताजी पत्तियां पीसकर खाली पेट, पानी के साथ ले और सेवन के बाद कम से कम आधा घंटा और कुछ ना खाएं, इसके नियमित सेवन से भी शुगर सामान्य हो सकती है।
- नारियल का तेल डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। नारियल के तेल में कुछ खास और दुर्लभ वसा अनु होते हैं जो आपकी कोशिकाओं को बिना इंसूलिन की मदद से आहार प्रदान करता है।
- आंवला शुगर के रोगियों के लिए विटामिन "सी" की परचूर मात्रा के कारण आंवला व करेले का रस मिलाकर प्रतिदिन पीते रहे तो इससे उसके शरीर में इंसुलिन की तथा रक्त में शर्करा की भी पूर्ण होती है। शुगर के रोगी आंवला जामुन की गुठली तथा करेले का चूर्ण बनाकर निश्चित रूप से एक चम्मच ले तो काफी लाभ होता है।
- आम: शुगर प्रारंभिक स्थिति में हो तो आम के कोमल पत्तों का रस अथवा प्रातः काल उनका काढ़ा बनाकर पिए। इससे रोग आगे नहीं बढ़ेगा तथा गंभीर रूप धारण नहीं करेगा। आम के पत्तों को सुखाकर उनके चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ दिन में दो बार लेने से निश्चित रूप से लाभ होता है। आम वह जामुन का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से शुगर में काफी लाभ होता है। आम की गुठली का चूर्ण बनाकर 3 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन से चार बार पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शर्करा की मात्रा कम होती है वह शुगर के रोगी की प्यास शांत होती है।
- चकोतरा: यदि चकोतरा काफी मात्रा में लिया जाए तो शुगर के चूर्णत: समाप्त होने की प्रबल संभावना रहती है। चकोतरा के सेवन से शरीर में स्टार्च की मीठा स और वसा में कमी आती है जो शुगर के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। शुगर के रोगियों को 2 से 3 चकोतरे निश्चित रूप से सेवन करना चाहिए।
शुगर के आयुर्वेदिक नुस्खे के अनुसार शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार और उपाय योग्य आधार और प्राकृतिक उपचार के माध्यम से शुगर के प्रबंधन में मदद करता है।
शरीर के स्वास्थ्य के लिए शुगर (डायबिटीज) का नियंत्रण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है और आयुर्वेद में कई प्राकृतिक नुस्खे भी शामिल है जो इसमें सहायक हो सकती है। जो तुलसी के पत्ते डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं इसके लिए आप रोज तुलसी के पत्तों को खाना या तुलसी की चाय पी सकते हैं। जो अमला या आंवला भी डायबिटीज के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है। करेले का रस रक्त को संचार करने में मदद करता है जो जामुन की गुठली का पाउडर भी इसमें सहायक हो सकता है आयुर्वेद के अनुसार हम जानेंगे कि शुगर के आयुर्वेदिक इलाज के लिए किन-किन चीजों का प्रयोग किया जा सकता है।
शुगर होने के लक्षण हिंदी की जरूरत के बारे में विस्तार से जानें, शुगर के रोग के प्रमुख प्रति को समझिए और स्वस्थ जीवन शैली और विचार के माध्यम से इसका सही समय पर इलाज करें
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FAQ:
पुरुषों में शुगर के लक्षण क्या है ?
यह लक्षण व्यक्ति के शुगर के स्तर पर आधारित होते हैं यानी कि कुछ लोगों को लक्षण होते हैं और कुछ लोगों को नहीं होते हैं।
शुगर होने पर कितनी रोटी खानी चाहिए ?
आपके डॉक्टर आपके शुगर के स्तर उम्र वजन और आपकी आरामदायक गतिविधियों के आधार पर आपके लिए सही आहार की सिफारिश कर सकते हैं।
क्या शुगर में दूध पीनी चाहिए ?
डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार में ध्यान पूर्वक दूध शामिल करना चाहिए।
भूखे पेट शुगर कितनी होती है ?
वह आपके स्वास्थ्य स्थिति पर निर्धारित करता है। वह अनुमानित तौर पर 70–99mg/dl के बीच होता है।
क्या शुगर में दही खा सकते हैं ?
दही एक स्वस्थ और पोषण आहार हो सकता है लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है जिससे रक्त शर्करा स्तर को प्रभावित किया जा सकता है।
पुरुषों में शुगर के लक्षण क्या है ?
यह लक्षण व्यक्ति के शुगर के स्तर पर आधारित होते हैं यानी कि कुछ लोगों को लक्षण होते हैं और कुछ लोगों को नहीं होते हैं।
शुगर होने पर कितनी रोटी खानी चाहिए ?
आपके डॉक्टर आपके शुगर के स्तर उम्र वजन और आपकी आरामदायक गतिविधियों के आधार पर आपके लिए सही आहार की सिफारिश कर सकते हैं।
क्या शुगर में दूध पीनी चाहिए ?
डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार में ध्यान पूर्वक दूध शामिल करना चाहिए।
भूखे पेट शुगर कितनी होती है ?
वह आपके स्वास्थ्य स्थिति पर निर्धारित करता है। वह अनुमानित तौर पर 70–99mg/dl के बीच होता है।
क्या शुगर में दही खा सकते हैं ?
दही एक स्वस्थ और पोषण आहार हो सकता है लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है जिससे रक्त शर्करा स्तर को प्रभावित किया जा सकता है।
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