विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन के प्रकार - A,B,C,D,E, और K बारें में पढ़ने को मिलेंगा

विटामिन - (A) (रेटिनॉल):

विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन (A) का आविष्कार 1931 में हुआ था और विटामिन ए जल में घुलनशील है।
  • जन्म से 6 महीने के उम्र के शिशु को करीब 1333 आइ यु या 400 माइक्रोग्राम
  • 6 - 12 महीने की उम्र के शिशु को करीब 1666 आइ यु या 500 माइक्रोग्राम
  • 1 - 3 साल के बच्चे को करीब 1000 आइ यु या 300 माइक्रोग्राम
  • 4 - 8 साल के बच्चे को करीब 1333 आइ यु या 400 माइक्रोग्राम
  • 9 - 13 साल के बच्चे को करीब 2000 आइ यु या 600 माइक्रोग्राम
  • 14 - 30 साल के पुरुष को करीब 3000 आइ यु या नो शो माइक्रोग्राम
  • 14 - 30 साल के महिला को करीब 2333 आइ यु या 700 माइक्रोग्राम
  • गर्भ के दौरान करीब 2500 आइ यु या 750 माइक्रोग्राम
  • स्तनपान के दौरान करीब 4000 आइ यु या 1200 माइक्रोग्राम
यह आंखों के लिए, स्क्रीन के लिए, इम्यून सिस्टम के लिए, हड्डियों के लिए तथा हार्ट, फेफड़े और गुर्दे की सुचारू गढ़ से काम करने के लिए जरूरी होता है।
  • कमजोर दांत
  • थकान
  • सुख बाल
  • सूखी त्वचा
  • साइनस
  • क्रॉनिक डायरिया
  • निमोनिया
  • सर्दी वह जुकाम
  • वजन में कमी
  • नींद ना आना
  • नाइट ब्लाइंडनेस (रतौधी)
यह गाजर, पलक, ब्रोकली, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, मीट, दूध, पनीर, कद्दू, आम, मछली, क्रीम आदि चीजों से ज्यादा पाया जाता है। या याद रखें की नंगी और पीले रंग वाले फल और सब्जियों में विटामिन A सबसे अधिक होता है।

विटामिन - (C) (एस्कोरबिक एसिड):

विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन सी को एक्स्करबेट एसिड के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं को बंद के रखना है इस शरीर के विभिन्न अंग को आकर बनाने में मदद मिलता है विटामिन सी गांधहीन तथा रंगहीन होता है।

  • प्रतिदिन एक औसत व्यक्ति को 80 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है।
  • सेब के राशि भी यह प्राप्त होता है लेकिन इसे अलग तत्वों की मदद से भी ग्रहण किया जाता है।
  • अत्यधिक विटामिन सी भी हानिकारक हो सकता है किसी भी व्यक्ति में एक दिन में विटामिन सी 1000 मिलीग्राम से अधिक नहीं ग्रहण करना चाहिए इससे अधिक वह शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है।
  • शरीर में विटामिन सी की भूमिका एक संरक्षक की होती है। यह पोषक तत्व फ्री रेडिएशन से हमारी कोशिकाओं का बचाव करता है वह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है जिसके कारण सर्दी बुखार व अन्य तरह के इंफेक्शन होने का खतरा कम होता है।
  • इतना ही नहीं यह अनेक प्रकार के कैंसर से भी बचाव करता है साथ ही शरीर में विटामिन ई की सप्लाई को पुनर्जीवित करता है और आयरन के अवशोषण की क्षमता को भी बढ़ता है। यह एक एंट्री एजिंग व एंट्री ऑक्साइड के रूप भी काम करता है और दांत मसूड़े वह आंखों को भी स्वस्थ है रखने में भी मदद करता है।
  • विटामिन सी की कमी से मसूड़े और दांत कमजोर हो सकते हैं। इसकी कमी से आपको एनीमिया भी हो सकता है। विटामिन सी की कमी के कारण चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ सकती है।
  • विटामिन सी सबसे ज्यादा खट्टे फलों जैसे की संतरा, मुसम्मी, अमरुद, नींबू, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, आदि में होता है इसके अलावा ब्रोकली, गोभी, अंकुरित अनाज पालक, आंवला आदि में भी पाया जाता है विटामिन सी सबसे ज्यादा खट्टे फलों में भी उपस्थित होता है।

विटामिन - (D) (केल्सीफेरोल):

विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन डी का आविष्कार विड्स ने 1932 में किया था विटामिन ए की भारतीय विटामिन डी भी तेल और वसा में घुल जाता है पर पानी में नहीं घुलता। जिन पदार्थों में विटामिन एक रहता है विशेषकर उन्हें में विटामिन डी भी विद्यमान रहता है। मछली के तेल में विटामिन डी अधिक पाया जाता है।

  • जन्माष्टमी 12 महीने: 400 आइयू (इंटरनेशनल यूनिट)
  • बच्चे 1 - 13 साल: 600 आइयू
  • किशोर 14 - 18 वर्ष: 600 आइयू
  • वयस्क 19 - 70 साल: 600 आइयू
  • वयस्क का 71 साल और उसे बढ़े: 800 IU
  • जब आप गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिला: 600 आइयू

यह शरीर में कैलशियम लेवल को कंट्रोल में रखता है। जिसे नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली और हड्डियों को मजबूत बनाने में बहुत मदद मिलती है। यह बॉडी के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।
विटामिन डी की कमी से आपके मसल्स कमजोर हो जाते हैं, जोड़ों में दर्द होता है, मॉर्निंग सिकनेस शारीरिक कमजोरी भी हो जाती है।

इसका सबसे अच्छा इसरो सूरज की रोशनी है पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करने के लिए धूप की आवश्यकता होती है यह दूध, मशरूम, अंडा, कोड, लिवर ऑइल, सोया, मिल्क, पनीर, टोफू, मक्खन आदि से भी प्राप्त होता है।

विटामिन - (E)  (टेकोफेरोल):

विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन ई वास में घुलनशील होता है और विटामिन ए को टेकोफेरोल भी कहा जाता है।
  • विटामिन ए शरीर के वजन के आधार पर लागू करें प्रति किलो 0.2 - 0.3 मिलीग्राम।
  • एक वयस्क के लिए औसत दर प्रतिदिन 10 - 12 मिलीग्राम है।
यह त्वचा को जवां बनाए रखना है। स्त्री पुरुषों की कमजोरी को दूर करता है। शरीर को जल्दी बूढ़ा नहीं होने देता है। इससे स्किन सेल्स रिपेयर होते हैं, यह आंखों के लिए फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है।

इसकी कमी से चेहरे पर मुंहासे आदि होते हैं। स्त्री और पुरुषों दोनों में बचपन की समस्या हो सकती है। स्क्रीन पर बुढ़ापन जल्दी आने लगता है।

विटामिन ई सूरजमुखी के बीज, बादाम, आम, हरी मिर्च, एवोकाडो, कीवी, टमाटर ब्रोकली पालक आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

विटामिन– (K) (फिलोकविनों):

विटामिन के प्रकार बताइए: (विटामिन - A, C, D, E, K)

विटामिन के वास में विलेय विटामिन है जो मानव द्वारा कुछ प्रकार की प्रोटीनों का संश्लेषण करने के लिए जरूरी होता है। शरीर में कहीं से भी होने वाली रक्त स्त्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता होती है। इसकी कमी से शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
  • 0 - 6 महीने: 0.2 माइक्रोग्राम प्रतिदिन (मिलीग्राम/दिन)
  • 7 - 12 महीने: 2.5 मिलीग्राम/दिन
  • 1 - 3 वर्ष: 30 मिलीग्राम/दिन
  • 4 - 8 साल: 55 मिलीग्राम/दिन
  • 9 - 13 साल: 60 मिलीग्राम/दिन
  • पुरुष और महिला उम्र 14 - 18: 75 मिलीग्राम/दिन
  • जब पुरुषों और महिला के उम्र 19 वर्ष और उससे बड़े: 90 मिलीग्राम/दिन
विटामिन के एक वास में घुलनशील विटामिन है। इसका नाम जर्मन शब्द Koagulation (रक्त के थक्के जमुना) के नाम पर है। यह विटामिन रक्त के थक्के जमने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बिना रक्त के थक नहीं बन पाते। अध्ययन यह भी दिखाते हैं यह मजबूत हड्डियों को बनाए रखने और ऑस्ट्रियोप्रोसेस को रोकने में भी मदद करता है।

विटामिन के की कमी से रक्त धामनिया सख्त, हड्डियां कमजोर हो जाती है। विटामिन के की कमी से रक्त स्रोत की समस्या हो जाती है जैसे मानसिक धर्म, मसूड़े से वह नाक से रक्त आना आदि। आंखों की समस्या भी हो सकती है।

विटामिन K पौधों में पाया जाता है हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन इस विटामिन अपने को सबसे अच्छा तरीका है। यह हरी पत्तेदार सब्जियां, गोभी पालक, शलगम साग, स्विस चार्ड, सरसों का साग, ब्रेसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकली आदि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पौधों में पाया जाने वाला क्लोरोफिल उन्हें हरा रंग देता है और विटामिन K प्रदान करता है। कम मात्रा में विटामिन K मछली, जिगर, मांस, अंडे और अनाज में मिलता है।

FAQ:

विटामिन कितने प्रकार के होते हैं ?

शरीर के अलग-अलग फंक्शन को चलाने के लिए करीब 13 तरह के विटामिन की जरूरत होती है।

जब हमे विटामिन डी की कमी से शरीर में क्या होता है ?

मांसपेशियों में दर्द कमजोरी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं होती है।

हमारी सुंदरता के लिए कौन सा विटामिन होता है ?

विटामिन ए और विटामिन ई त्वचा और बालों को सुंदर बनाता है।

वह दूध में कौन सा विटामिन पाया जाता है ?

विटामिन A, B और D होता है।

कमजोरी किसकी कमी से होती है ?

विटामिन बी12 के कमी का एक और लक्षण लगातार थकान और कमजोरी महसूस होता है।

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