टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के घरेलू उपाय

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उपाय और असंतुलन के कारण को सही करें

पुरुषों में पाए जाने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन है, जो लिंग संबंधित ग्रंथियां दोबारा उत्पन्न होता है। इसका मुख्य उत्पादन लेडिस और यौन ग्रंथि में होता है। यह पुरुष और लिंग विकास के जिम्मेदार होता है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के घरेलू उपाय

यहां कुछ महत्वपूर्ण टेस्टोस्टेरोन की जानकारी है:


टेस्टोस्टेरोन हार्मोन

वजन कम करें –

अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शरीर में ज्यादा चर्बी, टेस्टोस्टेरोन के स्टार को बढ़ाने से रोक सकती है। टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए अपने वजन को कम करना जरूरी है।

पूरी नींद लें –

क्या आप भी देर रात तक टीवी देखते हैं, लेकिन यह आपको बताना जरूरी है कि नींद का भी टेस्टोस्टेरोन कीप प्रोडक्शन पर प्रभाव पड़ता है। आप कितने घंटे सोते हैं इसका प्रभाव आपकी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की प्रोडक्शन पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार रात में काम से कम 7 से 8 घंटे के लिए सोना चाहिए क्योंकि शरीर में 70% टेस्टोस्टेरोन निद्रा अवस्था में उन्नत होता है।

खनिज पदार्थ का सेवन –

जिंक और मैग्नीशियम जैसे खनिज शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अतः पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए उन खाद्य पदार्थ का सेवन करना बहुत जरूरी है जो आपके शरीर में इन खनिजों की जरूरत को पूरा करते हैं।

तनाव –

तनाव चाहे किसी भी कारण से हो, यह आपकी शारीरिक विकास में एक से अधिक बढ़ाया खड़ी कर सकता है। जब आप बहुत ज्यादा तनाव में होते हैं तो आपके शरीर में बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन स्रावित होते हैं। यह हारमोंस शरीर में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने से रोकते हैं। ध्यान जैसी सरल और प्रभावी तकनीक तनाव से लड़ने में आपकी मदद करेगी।

मीठे का सेवन कम करें –

मीठा कम खाएं क्योंकि शरीर में शर्करा के स्तर के बढ़ने से इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। जब आप मीठा खाते हैं तो आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने आप काम हो जाता है। इस हार्मोन के इस श्रवण और शारीरिक विकास के लिए जितनी हो सके उतनी कम मीठी चीचे खाएं।

लंबे समय तक कसरत न करें –

कई अनुसंधानों से यह साबित हो चुका है अगर आप हर रोज बहुत तीव्रता से 45 से 75 मिनट के लिए कसरत करते हैं, तो इससे आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन के विकास में बढ़ाएं पैदा हो सकती है। कसरत करते समय किसी पेशेवर ट्रेनर की सलाह ले इसे आपको काफी फायदा होगा।

हाई प्रोटीन ब्रेकफास्ट –

अंडे, हरी पत्तेदार सब्जी और नट्स खाकर अपने दिन की शुरुआत करें। कार्बोहाइड्रेट वाले ब्रेकफास्ट टेस्टोस्टेरोन की लेवल को गिराते हैं, जो की सुबह-सुबह हाई होते हैं।

अधिक पानी पिए –

थोड़ी सी भी डिहाईड्रेशन टेस्टोस्टेरोन स्टार के लिए ठीक नहीं है। पानी की कमी से शरीर में कोटिसोन, (स्ट्रोक हार्मोन) का स्तर बढ़ता है। इसलिए हार्मोन की मात्रा में वृद्धि करने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिए।

हार्मोन असंतुलन के कारण और इलाज:

हारमोंस के काम –

हार्मोन शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। ये हमारे शरीर की वृद्धि और विकास के लिए जरूरी है। और जब हार्मोन के स्त्राव मैं संतुलन होता है तो शरीर के पूरे सिस्टम में गड़बड़ी आ जाती है। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर में जरूरी हारमोंस का स्तर संतुलित रहे। हार्मोन की गड़बड़ी से कई स्वास्थ्य समस्या शुरू हो जाती है। जानिए उन स्थितियों के बारे में और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में।

लगातार वजन बढ़ना –

यह सच है कि लाइफस्टाइल, डाइट और शारीरिक गतिविधि के जरिए आप वजन पर काबू कर सकते हैं। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है। कई महिलाओं के शरीर में हार्मोन का स्टार बिगड़ जाता है। इससे उनके लिए वजन काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है। इंसुलिन के स्तर की अनेदख़ी और प्रतिरोधकता में बढ़ोतरी भी वजन बढ़ाने के कारण हो सकता है। आहार में छोटे-मोटे बदलाव कर इस समस्या से बचा जा सकता है। प्रोसैस्ड फ्रूट, चीनी और गेहूं से बने उत्पादों से दूरी रखकर आप सही दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

कामेच्छा में कमी –

हार्मोन के संतुलन का एक बड़ा लक्षण कामेंच्छा में कमी होना होता है, इसके शुरुआत दिन में खलन से होती है, अच्छी और पूरी नींद के बिना हमारे सेक्स हार्मोन का उत्पादन मंद पड़ सकता हैं। अपने दिन दिनचर्या में बदलाव करें। पौष्टिक आहार को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाएं। इसके साथ ही रोजाना व्यायाम के लिए कुछ समय निकले व्यायाम से आपके शरीर में हार्मोन का स्तर संतुलित रहता है, आपको बढ़िया नींद आती है।

थकान –

दोपहर होते-होते थकान पर पूरी तरह हावी हो चुकी होती है, कभी-कभी ऐसा कोई बड़ी परेशान करने वाली बात नही। लेकिन, रोज रोज सुस्त, बिखरा रहना और मानसिक रूप से परेशान रहना अच्छी संकेत नहीं है। अपनी आहार योजना में बदलाव कीजिए अपने आहार से गेहूं और अनाज से बनी चीजों को बाहर कर दें। इससे आपको रक्त शकर्रा को संतुलित करने में मदद मिलेगी। रक्त शर्करा नियंत्रित होने पर आप बेहतर ऊर्जा के साथ काम कर सकेंगे।

चिंता व तनाव और चिड़चिड़ापन –

आपका मूड सही नहीं है, यह दवा विक्रेता के पास जाने वह वक्त नहीं है। चिंता और अवसाद इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में कुछ हार्मोन असंतुलित है, आपके शरीर में विषाक्त बढ़ गई है। आप पर काम अधिक बोझ है। तनाव आपको शिथिल कर रहा है और साथ ही आपके शरीर को उतना पोषण नहीं मिल रहा जिसकी उसे जरूरत है। अपने भीतर की आवाज सुने दिमाग को जरूरी आराम दीजिए। इसके साथ ही योग ध्यान और व्यायाम से भी अपनी मस्तिष्क का कोई जरूरी पोषण दीजिए अपने आहार में ओमेगा फैटी 3 एसिड युक्त आहार जैसे मछली बादाम और अखरोट जैसी खाद्य पदार्थ को शामिल कीजिए।

अनिद्रा या नींद की कमी –

हार्मोन बिगड़ने पर लोगों में शारीरिक तनाव और कार्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है। इससे आपको नींद ना आने की शिकायत होने लगती है। अनिद्रा आपके जीवन के हर हिस्से को बुरी तरह प्रभावित करती है। नींद ना आने की समस्या से बचने के लिए आपको शांत करने की कोशिश करनी चाहिए। अपने आहार में बदलाव कीजिए। और शाम के समय हल्का भोजन कीजिए। व्यायाम, योग, ध्यान और पोषक आहार आपको अनिद्रा की समस्या से बचा सकते है।

पसीना आना –

कई महिलाओं में रात को पसीना और हॉट फ्लेशज की शिकायत होती है। यह किसी गड़बड़ी की पहली आशंका होते हैं या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाने का वक्त नहीं होता लेकिन अपने आहार में बदलाव करने का वक्त जरूर होता है। आपको अपने शारीरिक और मानसिक जरूर में संतुलन बनाकर रखना चाहिए कई बार भावनाएं भी भीतरी तापमान बढ़ा सकती है। अधिक तेल मसाले वाले खाने से बचने की कोशिश करें। साथ ही जब आपको हर्ट फ्लैश की शिकायत होने लगे तो अपने मानसिक में चक्र रहे विकारों को नियंत्रित करने का प्रयास करें।

पाचन संबंधी समस्या –

गैस सूजन और धीमी पाचन क्रिया का संबंध हार्मोन से है लेकिन आमतौर पर इसका संबंध हार्मोन असंतुलन से नहीं होता। गलत आहार का सेवन, भोजन को सही प्रकार से नहीं चबाना अथवा अधिक खाने से यह समस्या हो सकती है। जब आपका हाजमा सही नहीं होता, गलत आहार से शरीर को अधिक भूख लगती है। अपनी भूख का ध्यान रखें। भोजन को धीरे-धीरे चबाकर अच्छी तरह खाएं। हमारे पेट से मस्तिष्क कटक संदेश जाने में 20 मिनट लगते हैं। लेकिन भूख से कम ही खाएं।

हार्मोन के स्तर को सही करें:

हार्मोन संतुलन –

हार्मोन संतुलन होने पर कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है। हार्मोन न सिर्फ शरीर की वृद्धि और विकास को प्रभावित करते हैं बल्कि नर्वस सिस्टम को गतिविधियों को कंट्रोल करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बना रहे। हार्मोन और शरीर को ही नहीं मस्तिष्क का और भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं। खानपान में अनियमितता, व्यायाम की कमी, तनाव आदि के कारण इसमें संतुलन हो जाता है। इसे संतुलित करना बहुत मुश्किल नहीं है। आसान तरीकों से आप इस पर नजर रख सकते हैं।

जीवन शैली में थोड़ा बदलाव हार्मोन के संतुलित स्त्राव में काफी मददगार हो सकता है, पत्तेदार सब्जियां और फलों का प्रचुर मात्रा में सेवन करें, रोजाना कम से कम पांच बार इसका सेवन करें, फाइबर के साथ-साथ फलियों का भी सेवन करें, इसमें आइसोफ्लावर्स होता है, जो पेरिमिनोपोज पीएएस और रजोनिवृत्ति के लक्षणों को स्थिर कर सकते हैं। साबुन अनाज (जटिल कार्बोहाइड्रेट) मैं फाइबर और विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है। दोनों ही हार्मोन संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है। कामवास वाले आहार का सेवन करें, जैतून और कनोला तेल जैसी एस्ट्रिप्ट वास का चयन करें, मांस और डेयरी उत्पादो का सीमित मात्रा में सेवन करें और बहुत अधिक वसा का सेवन करने से परहेज करें जिन्हें बचाने के लिए काफी हद तक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

अखरोट अलसी और समान और साइड ड्रोन जैसी ऑयली मछलियों के तेल जैसे मछलियों के तेल जैसी ओमेगा 3 एसेसियल फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। हेल्दी आहार के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी बहुत जरूरी है। सप्ताह में चार से पांच बार 1 घंटे कार्डियो व्यायाम कर सक्रिय रहे। मेडिटेशन और दीप रिलैक्सेशन द्वारा अपने मां और शरीर को शांत रखने की कोशिश करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

LazyLoad.txt Displaying LazyLoad.txt.