हाइपर एसिडिटी के लक्षण और उपाय

एसिडिटी के लक्षण और आयुर्वेदिक 11 उपाय: तुलसी के पत्ते, छाछ, सेब का सिरका, सौंफ, नारियल पानी, बेकिंग सोडा आदि

पेट में गैस, सीने में जलन और अपच की दिक्कत हो तो समझ लीजिए यह एसिडिटी है। एसिडिटी यानी की अम्ल पित्त, जिसमें खाना पचने वाली रसायन का स्त्राव या तो बहुत ज्यादा होता है या बहुत कम। एसिडिटी को चिकित्सा की भाग में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लेक्स डिजिटल (Gastroesophageal Reflux Disease) कहते है।

हाइपर एसिडिटी के लक्षण और उपाय
आप को कई बार एसिडिटी के कारण व्यक्ति को सीने में दर्द (Chest Pain) की शिकायत भी हो सकते है। और यह तकलीफ बार-बार हो रही हो तो यह गंभीर समस्या बन जाता है। एसिडिटी के कारण कई बार भोजन, भोजन दिल्ली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है जिससे खांसी या सांस लेने संबंधी (Respiratory) समस्या भी हो सकती है। इतना ही नही एसिडिटी की समस्या बढ़ने पर खट्टे पानी के साथ मुंह में खून भी आ सकता है।

कारण:

  • खान – पान में अनियमितता
  • खाने को ठीक से ना बचाना
  • पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
  • मसालेदार खाना ज्यादा खाना
  • धूम्रपान और शराब का ज्यादा सेवन करना

लक्षण:

  • कभी-कभी छाती में दर्द हो सकता है
  • खट्टी डकारे आना
  • खाना या खट्टा पानी मुंह में आ जाना
  • छाती में जलन होना
  • पेट में गैस बनना
  • मतली और उल्टी

आयुर्वेदिक उपचार:

हाइपर एसिडिटी के लक्षण और उपाय

1. तुलसी के पत्ते (Basil Leaves) – तुलसी के पत्ते तुरंत आपको एसिडिटी, गैस और उल्टी से राहत दे सकते हैं। उपचार के लिए कुछ तुलसी के पत्ते चबाकर खाएं। इसके अलावा तुलसी के कुछ पत्ते पानी में उबालकर, उसे पानी को जान ले। गुनगुना रहने पर शहद मिलाकर पिए। यह भी एसिडिटी के लिए अच्छा उपाय है।

2. छाछ (Buttermilk) – छाछ पीने से भी एसिडिटी में बहुत राहत मिलती है। छाछ में पेट की अम्लता को संतुलित करने के लिए लैक्टिक एसिड होता है। उपचार के लिए मेथी के दोनों को पानी के साथ मिलकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एक गिलास छाछ में मिलाकर पिए। इससे पेट का दर्द भी ठीक होगा और गैस से भी राहत मिलेगी। साथ ही, एसिडिटी भी खत्म होगी। स्वाद बढ़ाने और बेहतर परिणाम के लिए इस जांच में काला नमक और काली मिर्च भी मिलाई जा सकती है।

3. सेब का सिरका ( Apple Cider vinegar) – सेब का सिरका भी एसिडिटी को ठीक करने का आसान तरीका है। उपचार के लिए एक कप पानी में दो चम्मच कच्चा सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार पिए। खाना खाने से पहले भी इसी पिया जा सकता है।

4. जीरा (Cumin) – जरा भी एक बेहतरीन एसिड न्यूट्रलाइजर (Acid Neutralizer) है जो एसिडिटी को काम करता है। इसके साथ ही पाचन शक्ति को बढ़ाकर पेट दर्द से भी राहत देता है। उपचार के लिए जरा को भूनकर उसका पाउडर बनाएं। इस पाउडर को खाना खाने के बाद एक गिलास पानी में मिलाकर पिए। जीरा पाउडर को छाछ में मिलकर भी पिया जा सकता है।

5. अदरक (Ginger) – अदरक में पेट की अम्लता से लड़ने के गुण होते हैं जो एसिडिटी से राहत देता है। उपचार के लिए खाने के बाद अदरक का एक छोटा टुकड़ा मुंह में रखकर चबाएं। या फिर एक कप पानी में अदरक को कुचलकर डालें और उबालें। इस पानी को छानकर पीएं।

6. ठंडा दूध (Cold Milk) – दूध पेट में एसिड के निर्माण को रोकता है साथ ही गैस्ट्रिक एसिड को स्थिर करके एसिडिटी की समस्या होने से बचता है। हालांकि एसिडिटी की समस्या होने पर सिर्फ ठंडा दूध ही पीना चाहिए। गर्म दूध उतना लाभकारी नहीं होता है।

7. सौंफ (Fennel) – सौंफ खाने को पहचानने में सहायता करती है और गैस को दूर करती है। हर रोज खाना खाने के बाद सौंफ को मुंह में रखकर चबाएं। सौंफ के साथ मिश्री भी मिलाई जा सकती है। ऐसा करने से एसिडिटी से राहत मिलती है।

8. ताजा पुदीना ( Fresh Mint) – पुदीने का रस एसिडिटी से छुटकारा दिलाने में मददगार है, लेकिन ध्यान रखे की इसे सीमित मात्रा में ही ले, यह एक मजबूत जड़ी बूटी है, इसलिए एक समय में केवल 2 या 3 टहनियां ही उपयोग करें। एसिडिटी के लिए पुदीने का उपयोग करने का दूसरा तरीका यह है कि दो गिलास पानी में 5 से 10 तानिया पुदीने के साथ उबाले। आंच से उतार लें और पुदीने का पानी ठंडा होने तक ढक्कन लगाकर रखें। इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर और इस दिन भर पिएं।

9. तरबूज (Watermelon) – एसिडिटी के लक्षणों से राहत पाने के लिए पका हुआ तरबूज, को काटें और बार – बार खाएं। कच्चा तरबूज कोई मदद नहीं करेगा। आप कटी हुई तरबूज को क्लीन फिल्म में ढक कर तीन दिनों तक फ्रिज में रख सकते हैं। एसिडिटी के लिए गोलियों के बजे एक सुंदर और स्वादिष्ट आनंद लें।

10. नारियल पानी (Coconut water) – जब भी आपको प्यास लगे तो नारियल पानी पिए। कुछ दिनों तक इसे आजमाएं यह निश्चित रूप से आपको साइन की जलन से राहत देगा। नारियल का पानी सूजन वाले पेट को शांत करता है और उसे ठंडक पहुंचती है।

11. बेकिंग सोडा (Baking Soda) – पानी में एक चम्मच बेकिंग सोड़ा एसिडिटी को कम करने के लिए अच्छा काम करता है। सोडा क्षारीय होता है इसलिए यह अम्ल को निष्क्रिय कर देता है।

एसिडिटी से बचाव:

चाय कॉफी और वातीत पर एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। या कम से कम इसे बढ़ा सकते ह। ये पेय पदार्थ सीने में जलन पैदा करते हैं और इसे पूरी तरह बचना चाहिए। यदि आपको इन्हें लेने की तीव्र इच्छा महसूस होती है तो एक बहुत छोटा कप पिएं।

हाइपर एसिडिटी के लक्षण और उपाय

धूम्रपान से बचें – धूम्रपान से एसिडिटी बढ़ती है और इसे पूरी तरह परहेज करने से एसिडिटी को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।

शराब से बचें – शराब का प्रभाव गम और जलन पैदा करने वाला होता है, जब आप एक घूंट लेते हैं तो आप कष्ट रूप से समझ सकते हैं, कि हर छोटा घट आपको जलन का एहसास देता है क्योंकि यह आपके पेट तक जाता है। यह आपकी एसिडिटी को बढ़ा देगा क्योंकि इसका ठंडा प्रभाव नहीं होता है। भले ही आप इसे ठंडा ही पिए बियर भले ही आकर्षक और ठंडक देने वाले पे के रूप में बच्ची जाती हो, असल में यह ठंडी नहीं होती है यह पेट में एसिडिटी को बढ़ावा देता है।

  • पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं
  • चाय काफी कम से कम पीएं
  • कोल्ड्रिंग या अन्य आर्टीफिशियल पेय न लें
  • खाना समय से खाएं और खाकर कुछ देर टहलें, तुरंत सोएं नही
  • खाने में ज्यादा तला भुना या मसालेदार खाना न खाएं
  • भोजन बनाने में हींग का प्रयोग करें

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Conclusion:

यदि आप इसलिए का पालन करते हैं, और अनुशासित तरीके से दिए गए विकल्पों में से जो भी उन्हें सूट करता है, उसे पर कायम रहते हैं तो निश्चित रूप से एक रास्ता निकल आता है, लेकिन बीमारी को इतनी दूर तक क्यों जाने दिया जाए शुरुआती चरण में ही इसे नियंत्रित करना सबसे अच्छा है।

FAQ:

पेट का एसिडिटी सबसे ज्यादा कब होता है ?

जब पेट में गस्ती ग्रंथियां अधिक मात्रा में एसिडिटी का उत्पादन करती है और किडनी इससे छुटकारा पाने में असमर्थ होती है।

एसिडिटी से क्या-क्या परेशानी होती है ?

सीने और गले में लगातार जलन सूखी खांस, पेट फूलना, सांसों में बदबू, खट्टी डकार, और कभी-कभी उलटी होना आदि।

क्या खाने से एसिडिटी बढ़ती है ?

अध्ययन में पाया गया है कि अधिक मसालेदार, अधिक खाने, कैफिन और कम फाइबर वाले भोजन का सेवन करने से एसिडिटी बढ़ती है।

पेट का एसिड सबसे ज्यादा कब होता है ?

जब पेट में गस्ती ग्रंथि अधिक मात्रा में एसिड का उत्पादन करती है।

गैस तेजाब बनने से क्या होता है ?

आपको खट्टी डकार, आने में जलन, उल्टी मुंह में गंदा पानी आना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

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