आप इस लेख मे विटामिन विटामिन b के फायदे: B1,B2,B3,B5,B6,B7,B9,B12 के बारें मे सम्पूर्ण जानकारी पढ़ने को मिलेंगा।
विटामिन - (B1) (थायमिन):
विटामिन बी 1 एक विटामिन है। और भी एक का वैज्ञानिक नाम थायमिन – हाइड्रोक्लोराइड है।
- जन्म से 6 महीने के उम्र में के शिशु को 0.2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चे को 0.9 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 1.2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल की महिला को 1.0 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल के पुरुष को 1.2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 1.2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 1.4 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए और स्नानपान करवाने वाली महिला को 1.4 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
पाचन तंत्र के लिए, हृदय के लिए जरूरी है:
शरीर में विटामिन बी की कमी से थकान, एनीमिया, डिप्रेशन भूख ना लगे जैसे प्रॉब्लम हो सकते हैं। साथ ही शरीर में इस विटामिन की कमी से मसल्स में दर्द, बालों का झड़ना और एक्जिमा जैसी बीमारियां भी हो सकती है।
विटामिन बी आपको नॉन वेजिटेरियन भोजन, डेरी उत्पाद, सूखे मेवे, अंकुरित अनाज, अंडे के पीले हिस्से, सबूत अनाज, पालक, फ्लाइयां आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
विटामिन - (B2) (रायबोफ्लीविन):
रायबोफ्लीविन एक महत्वपूर्ण विटामिन है यह एक रूप से कार्य करता है एंटी ऑक्साइड शरीर के भीतर विटामिन बी2 स्वास्थ्य रक्त कोशिकाओं को बनाए रखना को बढ़ावा देने के लिए मदद करने के लिए जिम्मेदार है विटामिन बी2 को विटामिन जी भी कहा जाता है।
- जन्म से 6 महीने की उम्र के शिशु को 0.3 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चे को 0.9 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 1.3 मिलीग्राम की करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल की महिला को 1.0 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल के पुरुष को 1.3 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 1.3 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 1.4 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए और स्तनपान करवाने वाली महिला को 1.6 मिलीग्राम की करीब लेना चाहिए।
रेड ब्लड सेक्स के लिए, याददाश्त, आंखों के लिए, त्वचा के लिए, ताकत के लिए जरूरी है।
- होठों के किनारे फट जाना।
- जब का रंग लाल होना, चले निकलना, जीव का सुज जाना।
- नाक का पकना व सूजना।
- आंख में जलन व सूजन, धुंधलापन होना।
- कान के पीछे खुजली होना।
- योनि की खुजली।
चीज, बादाम, अंडा, मशरूम, सोयाबीन, दही, फूलगोभी आदि से मिलता है।
विटामिन - (B3) (नियासिन):
विटामिन बी 3 के कई नाम है। यह मानव शरीर के लिए जरूरी विटामिन में से एक है। नियासिनिया विटामिन बी3 का सबसे महत्वपूर्ण लाभ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर उन्हें नियंत्रित करने की क्षमता होती है।
- वह जन्म से 6 महीने के उम्र के शिशु को 2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चों को 0.9 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 14 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल के पुरुष को 16 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 14 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 18 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए और स्थान पान करने वाली महिला को 17 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
लीवर के लिए, शरीर के टॉक्सिन काम करने के लिए, सिरदर्द दवा कोलेस्ट्रॉल ठीक करने के लिए आवश्यक होता है। इसके कमी से पेलेग्रा (Pellagra) चिड़चिड़ापन Irritability, भुख low appetite, भ्रम confusion चक्कर आना dizziness और कमजोरी आदि लक्षण प्रकट होता है।
विटामिन बी3 के स्रोत मूंगफली, चिकन, फिश, सूरजमुखी के बीज और मशरूम है। इसके अलावा आप ब्राउन चावल, साबुत अनाज, ट्यूना, स्बोड्रफिश, लाल शिमला मिर्च का सेवन करके विटामिन बी3 का फायदा ले सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखिए कि आप इन स्त्रोत में से किसी भी चीज का ज्यादा सेवन न करें।
विटामिन - (B5) (पैंटोथीनिक एसिड):
विटामिन बी5 को चिकित्साकिय भाषा में पैंटोथीनिक एसिड के नाम से जाना जाता है। यह अन्य विटामिन बी की ही तरह पानी में घुलनशील है। विटामिन बी5 हमारी ऊर्जा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- 6 महीने के उम्र में शिशु को 1.7 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चे को चार मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए
- 14 - 18 साल की महिला को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल के पुरुष को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 6 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए और स्ननपान करने वाली महिला को साथ मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
पैंटोथीनिक एसिड, फैटी एसिड के चयापचय में सह एंजाइम के रूप में कार्य करता है coenzyme in fatty acid metabolism यह वसा प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के टूटने में मदद करता है। यह हार्मोन और RBC s के गठन में भी शामिल है। B5 तनाव को कम करने में मददगार है।
इसकी कमी से थकान, नींद में गड़बड़ी, खराब समन्वय impaired coordination भूख, थकान और अनिद्रा, कब्ज, मतली और उल्टी के आदी हो सकते हैं। प्रत्येक खाद्य वस्तु में विटामिन बी5 की कुछ मात्रा पाई जाती है। इसके अच्छे खाद्य स्त्रोत में शामिल है जिगर, मांस, दूध, फलियां, अंडे, खमीर, मूंगफली, साबुत अनाज और फलियां।
विटामिन - (B6) ( पाईरीडाक्सिन):
विटामिन बी6 को पाईरीडाक्सिन के नाम से भी जाना जाता है विटामिन बी6 का रंग सफेद होता है। यह गंधारहीन क्रिस्टल अर्थात कणों वाला पाउडर होता है।
- 6 महीने की उम्र के शिशु को 0.9 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चे को 1.0 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल की महिला को 1.3 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की पुरुष को 1.2 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 5 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 1.9 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए। स्तनपान करने वाली महिला को 2.0 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए।
बायोटीन, शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा और अमीनो एसिड की चयापचय मेटाबोलिज्म में सहायता करता है। यह भ्रूण के सामान्य विकास के लिए अत्यंत जरूरी है। यह बालू और नाखूनों को मजबूत बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
शरीर में विटामिन की कमी डायबिटीज व मधुमेह को गंभीर बन सकती है। ऐसे इसलिए होता है कि डायबिटीज ग्लूकोज चयापचय मैं की तरह से जुड़ा होता है। इसकी कमी में ग्लूकोज का सही से मेटाबॉलिज्म नहीं हो पाता और यह ज्यादा मात्रा में खून में मौजूद रहता है।
1. यह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भजन में पाया जाता है। कुछ में या फ्री और कुछ में संयुक्त अवस्था में मिलता है। फ्री स्टेट में यह फल, सब्जियां, और दूध में मिलता है। आंत मैं पाए जाने वाली बैक्टीरिया भी बायोटीन बनाते हैं।
2. बायोटीन पके एंडो, विशेष रूप से अंडे की जर्दी तथा लीवर मीट, सूखे मेवे, बादाम, मूंगफली, अखरोट, सोयाबीन, फलियां, साबुत अनाज, फूलगोभी, केले, मक्का, सोयाबीन और मशरूम आदि में पाया जाता है।
- मूंगफली, बादाम, अखरोट
- सूखे मेवे, दालें
- शकरकंद
- चीज, अंडे, किडनी, लीवर
- सोयाबीन का आटा
- गोभी, मशरूम
- कम मात्रा में, ज्यादातर फल, रिफाइंड अनाज
- टमाटर
विटामिन - (B7) (बायोटीन):
विटामिन बी7 को बायोटीन भी कहा जाता है। यह विटामिन बी–कमलेक्स परिवार का ही एक सदस्य है।
- जन्म से 6 महीने: 5 mcg
- 7 - 12 महीने: 6 mcg
- 1 - 3 साल: 8 mcg
- 4 - 8 साल: 12 mcg
- 9 - 13 वर्ष: 20 mcg
- 14 - 18 वर्ष: 25 mcg
- 19 साल तथा बड़ी: 30 mcg
- गर्भवती महिलाएं: 30 mcg
- स्तनपान करने वाली महिला: 35 mcg
हृदय, पाचन, इम्यून सिस्टम, मांसपेशियों, नर्वस सिस्टम, दिमाग का विकास आदि के लिए महत्वपूर्ण है।
- बालों का झड़ना, गंजापन
- बालों का रंग उड़ना
- चेहरे पर लाल पपड़ीदान दाने
- नाखूनों का टूटना, परतदार होना
- नवजात शिशु में बालों में पपड़ीदान पैच, रूसी
- शिशु की आंख, माक, गाल पर रैशेज, डायपर रैशेज
- सुखी पपड़ीदान त्वचा
- होठों के कोने पर दरार पादना
- मोटी सूजी हुई मैंजांटा रंग की जीभ
- आंखों में सूखापन
- भूख न लगना, टेस्ट न आना
- थकान, कमजोरी, नींद न आना
- डिप्रेशन, भ्रूम, (Hallucination)
बायोटिन का उपयोग कमजोर नाखून, तथा कुछ अन्य रोगों के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है।
जब हम आलू, केला, मछली, अंडा, बादाम, काजू, पिस्ता, साबुत अनाज आदि में पाया जाता है।
विटामिन - (B9) (फोलिक एसिड):
विटामिन बी9 को फोलिक अम्ल या फोलासिक और फोलेट के नाम से जाना जाता है। यह विटामिन बी9 कजल धूल्य रूप है। फोलिक एसिड शरीर के विभिन्न कार्यों के संपादन के लिए आवश्यक है।
1.मां बनने की इच्छुक महिलाओं को प्रतिदिन 400 मिक्रोग्राम और गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान प्रतिदिन 600 मिक्रोग्राम फोलिक एसिड के सेवन की सलाह दी जाती है। साथी उन्हें और फोलेट से परिपूर्ण आहार खाना चाहिए। ऐसा करने से जन्म दोष और गर्भपात होने का जोखिम कम हो जाता है।
2.मां बनने का मां बनने से ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए। गर्भधारण करने से 3 महीने पहले फोलिक एसिड की खुराक को शुरू करना सबसे अच्छा है। अगर आप स्तनपान कराती है, तो आपको फोलिक एसिड 500 मिक्रोग्राम प्रीति दिल लेना चाहिए। ऐसे फोलेट भी कहा जाता है। यह डीएनए संश्लेषण विटामिन बी को12 के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और एमिनो एसिड के चयापचय के लिए आवश्यक है।
यह गर्भ में पल रहे बच्चे की न्यूरल ट्यूब दोस्त के जोखिम को कम करने में सहायक है। यह बच्चे की रीड की हड्डी और नर्वस सिस्टम के गठन के लिए महत्वपूर्ण है।
इसकी कमी से एनीमिया हो जाता है। इससे छोटे बच्चों में न्यूरोजीकल डिसोल्वड की समस्या हो जाती है।
ब्रेकली, स्प्राउट्स, पालक, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, मटर, चना, ब्राउन ब्रेड, दूध और दूध से बनी पदार्थ चुकंदर खजूर आदि इसके अच्छे स्रोत है।
विटामिन - (B12) (क्यानोकोब्लामिन):
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के परिवार का एक सदस्य है। इसके प्रयोग से शरीर में रिक्तशिया की वृद्धि से रोग लग जाता है। इस संक्रामक रोगों में बहुत लाभ होता है। टायफाइड फीवर पारा अमीनो बेंजोइक एसिड से पूरी तरह नष्ट हो जाता है।
- जन्म से 6 महीने की उम्र के शिशु को 0.4 UG के करीब लेना चाहिए।
- 9 - 13 साल के बच्चे को 1.8 UG के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल के पुरुष को 2.4 UG के करीब लेना चाहिए।
- 14 - 18 साल की महिला को 2.4 UG के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल के पुरुष को 2.4 UG के करीब लेना चाहिए।
- 19 - 50 साल की महिला को 2.4 UG के करीब लेना चाहिए।
- गर्भवती महिला को 2.6 UG के करीब लेना चाहिए और स्थान पान करने वाली महिला को 2.8 UG के करीब लेना चाहिए।
विटामिन बी12 हमारे कोशिकाओं में पाया जाने वाले जीने डीएनए को बनाने और उनकी मरम्मत में सहायता करता है। यह ब्रेन स्पाइनल कॉर्ड और नर्वस के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होता है। हमारी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण भी इसी से होता है। यह शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का भी काम करता है।
यह ऐसा विटामिन है जिसका अवशोषण हमारी आंतों में होता है। वहां इलेक्ट्रो बैसीएल (फायदेमंद बैक्टीरिया) मौजूद होते हैं जो बी12 के अवशोषण में सहायक होते हैं। सीरियल लीवर में जाकर स्टोर होता है। उनके बाद शरीर के जिन हिस्सों को इसकी जरूरत होती है लीवर इसे वहां भेजने का काम करता है।
थकान, डिप्रेशन, हाथ पैर सुन्न होना, सांस लेने में दिक्कत, याददाश्मी में कमी, एकाग्रता में कमी, हृदय की असामान्य धड़कन, भूख में कमी, इंट्रोड्यूजेशन आदि उनकी कमी से होते हैं।
1. वेजीटेरियन – शाकाहारी लोगों को अपने खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। उनके पास विटामिन बी 12 हासिल करने के स्रोत सीमित संख्या में होते हैं, इसलिए उन्हें दूध, दही, पनीर, चीज, मक्खन, सोया मिल्क या टोफू का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। बी 12 मुख्ता मिट्टी में पाया जाता है, इसलिए यह मिट्टी के भीतर उगने वाली सब्जियां जैसे आलू, गाजर, मूली, शलगम, चुकंदर आदि में भी आशिक रूप से पाया जाता है। इसके अलावा 45 मल्टीग्रेन ब्रेड और वे प्रोटीन पाउडर भी उनके अच्छे स्रोत है। यदि एक किलोग्राम आरती में 100 ग्राम वे प्रोटीन पाउडर मिला दिया जाए तो उनसे व्यक्ति को विटामिन बी 12 का पोषण मिल जाता है।
2. नॉनवेज – नॉन वेजीटेरियन लोगों को अंडा, मछली, रेट मीट, चिकन और सीफूड से विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में मिल जाता है, पर इसके ज्यादा सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जो नुकसान दे साबित होता है। इसलिए नॉनवेज का सेवन सीमित और संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
FAQ:
B12 का दूसरा नाम क्या है ?
विटामिन बी12 को कोबालमीन (Cobalamin) भी कहा जाता है।
सिरदर्द कौन सी कमी से होता है ?
जब हमे विटामिन डी की कमी से सिरदर्द और शरीर में सूजन और आपको न्यूरॉन्स की दिक्कत है
किस कमी से माइग्रेन होता है ?
मैग्रीशियम, नियासिन, राइबोफ्लेविन, कोएंजाइम, Q10, कार्निटाइन, a-लिपोइक एडिस और विटामिन डी सहित तत्वों है।
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